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Rāmarakṣāsubodhinī is the tenth book by Nityānanda Miśra, a well-known Sanskrit scholar and author. The Rāmarakṣāstotra of Budhakauśika is one of the foremost Sanskrit stotras. This book presents four expositions of the stotra: Hanumanmodinī (a detailed Sanskrit commentary), Śāradānandinī (a Hindi verse translation in the same metres as the original Sanskrit), Rāṣṭrarañjinī (Hindi word-for-word and prose translation) and Viśvatoṣiṇī (English word-for-word and prose translation). बुधकौशिक (विश्वामित्र) विरचित श्रीरामरक्षास्तोत्र संस्कृत के सर्वाधिक लोकप्रिय स्तोत्रों में अग्रगण्य है। इस पुस्तक में श्रीरामरक्षास्तोत्र के चार अनुवाद प्रस्तुत हैं। हनुमन्मोदिनी स्तोत्र पर विस्तृत संस्कृत टीका है जिसमें स्तोत्र के प्रत्येक शब्द और पद्य को सविस्तार समझाया गया है। शारदानन्दिनी स्तोत्र का समवृत्त (उसी छन्द में) हिन्दी पद्यानुवाद है जिसे मूल संस्कृत पदों के ही राग और लय में गाया जा सकता है। राष्ट्ररञ्जिनी में स्तोत्र का हिन्दी में अन्वय, शब्दशः अर्थ और गद्यानुवाद है। विश्वतोषिणी में स्तोत्र का अंग्रेज़ी में अन्वय, शब्दशः अर्थ और गद्यानुवाद है।

Ramarakshasubodhini by Nityanand Misra

SKU: DIS07
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  • 978-9391730116 & 152 Pages

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